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Quote - एक जिंदगी - मेरी कविता

 एक जिंदगी

खोल दो पंख मेरे ,

अभी मेरी उड़ान बाकी है। 

जमीन से अभी तो उगे है ,

अभी तो आसमान देखना बाकी है। 

लहरों की ख़ामोशी को ,

समंदर की उन हवाओं को समझना बाकी है। 

जितनी अन्दर गहराई है ,

उतना बाहर तूफ़ान बाकी है। 

अभी तो चलना शुरू किया है ,

रास्तें नापना बाकी है। 

लोग जो पा न सके ,

वो मंजर पाना बाकी है। 

लोग जो बात कह ना सके ,

वो बात दुनिया से कहना बाकी है। 

अभी तो जीना शुरू किया है ,

अभी तो पूरी जिंदगी बाकी है।

                                                  Pragya Nathany


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